भूसंचलन
आंतरिक (अंतर्जात बल) पृथ्वी के आंतरिक भाग से निकलने वाली ऊर्जा भू आकृतिक प्रक्रियाओं के लिए मूल स्रोत होती है| ये ऊर्जा रेडिओधर्मी क्रियाओं घूर्णन तथा अवशिष्ट ऊर्जा के द्वारा…
आंतरिक (अंतर्जात बल) पृथ्वी के आंतरिक भाग से निकलने वाली ऊर्जा भू आकृतिक प्रक्रियाओं के लिए मूल स्रोत होती है| ये ऊर्जा रेडिओधर्मी क्रियाओं घूर्णन तथा अवशिष्ट ऊर्जा के द्वारा…
पृथ्वी की आतंरिक संरचना का अनुमान निम्न दो तरीको से लगाया जा सकता है – Internal structure of the earthप्रत्यक्ष स्रोत – ज्वालामुखी उदभेदन व खनन क्रियाओं द्वारा प्राप्त पदार्थो…
अक्षांश रेखाएँ अक्षांश रेखाएँ भूमध्यरेखा के सामानांतर ग्लोब पर पूरब से पश्चिम की तरफ खीची जाने वाली काल्पनिक रेखाएँ है. 1° के अंतराल पर कल्पित किये जाने पर अक्षांश रेखाओं…
भूकम्पों का वितरणभूकम्पों का वितरण ज्वालामुखी से मिलता-जुलता है, भूकंप विश्व के कमजोर भागो में ज्यादा आते है| इस प्रकार भूकम्पों का वितरण इस प्रकार देखा जा सकता है- प्रशांत…
भ्रंश (Fault) भ्रंशतनाव मूलक भू संचरण की तीव्रता के कारण भूपटल की शैलों में दरार उत्पन्न हो जाता है, जिन्हें भ्रंश कहा जाता है| भ्रंश मूलतः चार प्रकार के होते…
भारत के उत्तर-पश्चिम में सिंधु तथा इसकी सहायक नदियां विस्तृत क्षेत्र में अपवाहित होती है. अकेले सिंधु नदी हिमालय प्रदेश में 2,50,000 वर्ग किमी. क्षेत्र में अपवाहित होती है. सतलुज,…
भारत का अपवाह तंत्रकिसी देश का अपवाह तंत्र वह के उच्चावच तथा भूमि के ढाल पर निर्भर करता है. भारत एक विशाल देश है इसके उत्तर में हिमालय तथा दक्षिण…
भारतीय द्वीप (Indian Islands) - भारत में मुख्य स्थल के अतिरिक्त हिन्द महासागर में बहुत द्वीप है, भारत में कुल 247 द्वीप है जिनमे से 204 द्वीप बंगाल की खाड़ी…
तटीय मैदान भारत की तटरेखा 6,000 किमी. लम्बी है. जो पश्चिम में कच्छ के रन से पूर्व में गंगा ब्रह्मपुत्र डेल्टा तक विस्तृत है. प्रायद्वीपीय पठार की पश्चिमी एवं पूर्वी…
भारत का प्रायद्वीपीय पठार एक अनियमित त्रिभुजाकार आकृति है. जिसका आधार उत्तर की ओर है तथा शीर्ष दक्षिण में कन्याकुमारी द्वारा बनाया जाता है. इसकी उत्तरी सीमा एक अनियमित सीमा…