Author name: Deep Bhatt

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बादल वायुमंडल में स्वतंत्र रूप से जलकणों या हिमकणों के समूह जिनका निर्माण वायुमंडल में अंतर्निहित जलवाष्प के संघनन के फलस्वरूप होता है, बादल कहलाते है. यह प्रायः समूह में निर्मित होते है.बादलो का निर्माण हल्की, गर्म एवं आंद्र वायु के वायुमंडल के ऊपरी सीमा में पहुँचकर विस्तारित होने अथवा रुद्धोष्म प्रक्रिया से ताप पतन […]

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Plate Tectonics Theory

प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत सन 1987 में मेकेंजी, मार्गन व पारकर ने स्वतंत्र रूप से उपलब्ध विचारों को संबवित कर प्लेट विवर्तनिकी सिद्धांत प्रस्तुत किया| एक विवर्तनिक प्लेट अथवा लिथोस्फेरिक प्लेट ठोस चट्टान का विशाल अनियमित आकार का खंड है, जो महाद्वीपीय एवं महासागरीय क्रस्ट से मिलकर बना है| ये प्लेट दुर्बलता मंडल पर क्षैतिज दिशा

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Rocks

शैल तंत्र शैल का निर्माण एक या एक से अधिक खनिजों से मिलकर होता है, और इन्ही खनिजों के आधार पर शैलों में भिन्नताएं पायी जाती है| शैल अपनी संरचना के आधार पर कठोर मुलायम तथा भिन्न – भिन्न रंगो की हो सकती है| शैल व स्थलाकृतियों में निकट संबंध होता है| शैलों को उनके

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Stars Formation

तारों का निर्माण प्रारंभिक ब्रह्माण्ड में ऊर्जा व पदार्थो का वितरण असमान था  और इसी भिन्नता व  गुरूत्वाकर्षण बल के कारण पदार्थो का एकत्रण होने लगा,  आकाशगंगा के निर्माण को आधार मिला| आकाशगंगा  निर्माण की शुरुआत हाइड्रोजन (H2) गैस से बानी बादलो के संचरण से  होती है| इस प्रकार के पर्दाथो को निहारिका कहा जाता

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वायुमंडल की उत्पत्ति और विकास

वायुमंडल के विकास की तीन अवस्थाएं हैं – 1 ).  आदिकालीन वायुमंडलीय गैसों का ह्रास – प्रारम्भिक वायुमंडल जिसमे हाईड्रोजन (H2) व हीलियम (H) की अधिकता थी वह सूर्य के उत्पन्न हुई सौर पवन के कारण पृथक या समाप्त हो गयी| 2 ). पृथ्वी के ठण्डा होने व विभेदन के दौरान पृथ्वी के अंदरूनी भाग

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Theory of Continental Drift

महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत अल्फ्रेड वैगनर ने 1912 में प्रस्तावित किया। यह सिद्धांत पृथ्वी विभिन्न के महाद्वीपों के एक-दूसरे के सापेक्ष गति से संबंधित है। बैगनर ने अपने सिद्धांत को निम्न शब्दों में व्याख्यापित किया – महाद्वीपीय क्रस्ट की उत्पत्ति के समय एक वृहद् महाद्वीप पेंजिया का निर्माण हुआ इसके चारों ओर विस्तृत

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Monsoon

मानसून मानसून मूलतः बंगाल की खाड़ी, अरब सागर एवं हिन्द महासागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिमी तट पर आने वाली हवाओं को कहते हैं, जो दक्षिणी एशिया मुख्यतः भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा करातीं हैं। ये मौसमी पवनें दक्षिणी एशियाई क्षेत्र में जून से सितंबर प्रायः चार माह तक सक्रिय रहती है।

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Seafloor Spreading Theory

सागर नितल प्रसरण सिद्धांत इस सिद्धांत का प्रतिपादन 1961 – 62 में हेरी हेन्स ने किया था| हेरी हेन्स ने अपने विश्लेषण में पाया की मध्य महासागरीय कतकों के साथ-साथ ज्वालामुखी उद्गार क्रिया सामान्य क्रिया है, जिससे अत्यधिक मात्रा में लावा बाहर आता है, तथा भू-पर्पटी का निर्माण होता है| महासागरीय कटक के मध्य भाग

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ग्रहों का विकास

तारे निहारिका  अंदर गैस के गुथित झुण्ड हैं| इन गुथित झुंडो में गुरुत्वाकर्षण से गैसीय बादलों के भीतर कोर का निर्माण हुआ और इस गैसीय  बादल के भीतर चतुर्दिक गैस व धूल कणों की घूमती हुई तस्तरी विकसित हुई| अगली अवस्था में गैसीय बादल का संघनन प्रारम्भ हुआ तथा कोर के चारों ओर विकसित पदार्थ

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Development of lithosphere

स्थलमंडल का विकास प्रारम्भिक अवस्था में पृथ्वी अत्यंत तप्त तथा अस्थिर अवस्था में थी| परतु धीरे -धीरे पृथ्वी के ठंडे होने के क्रम में उसका सकुचन होता गया| शुरूआत में पृथ्वी में पृथ्वी भीतर से और गर्म होने लगे|  पृथ्वी के संकुचन के क्रम में समस्त पदार्थो का भिन्न – भिन्न संस्तरों में एकत्रण होने

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